Vishwakarma Jayanti भगवान विश्वकर्मा ने श्री कृष्ण भगवान के शहर का निर्माण किया था। जिसमें पांडवों की मायानगरी और देवताओं के लिए कई हथियार बनाए। इसलिए उन्हें लोहार के रूप में भी माना जाता है और विश्वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को पूरे देश और विश्व भर में सनातन धर्म में पैदा होने वाले हर इंसान 17 सितंबर को Vishwakarma Jayanti बड़े ही धूमधाम से और प्रेम से, आज के दिन भगवान विश्वकर्मा जिन्हें वास्तु कला के विज्ञान के नाम से भी जाना एवं माना जाता है। जिन्हें स्वयं विश्व का निर्माता भी कहते हैं, उनकी आज Vishwakarma Puja 2024 दिवस के रूप में आराधना करते एवं पूजा करते हैं और उनके प्रति श्रद्धा पूर्वक भाव अर्पित करते हैं। जिसमें कई औद्योगिक, श्रमिक, कारखाने, सुरक्षा अन्य जितनी भी सामग्री इस धरती पर मौजूद है जो कार्य करने के लिए उपयोगी होती है, खास तौर पर किसानों के लिए, फल दाता के लिए, उन सभी लोग वास्तुकला, कौशल में सर्वश्रेष्ठ एवं सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा के रूप में पूजा अर्चना की जाती है।
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विश्वकर्मा पूजा एवं कथा
Vishwakarma Jayanti पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा जिन्होंने श्री कृष्ण की नगरी बनाई थी। और साथ में भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्ग लोक, पुष्प विमान, कुबेरपुरी, देवनगरी ऐसे कई स्थान का निर्माण किया था, जिसकी वजह से भगवान विश्वकर्मा की जयंती का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास अवसर पर भगवान Vishwakarma Jayanti की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। जिसमें कई प्रकार के लोग शामिल होते हैं, वह धार्मिक भी होते हैं कुछ अधार्मिक भी होते हैं। पर उन्हें पता है कि आज के दिन 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है यानी कि Vishwakarma Puja और वह किस लिए होती उन्हें पता होता है जिसमें भगवान Vishwakarma Puja के करने के दौरान साथ में मिठाई फल और आज के दिन अपने यंत्र, जींस पर आप अपने निजी जीवन में उपयोग किए जाने वाले हर वह कार्य करते है, उसकी आज पूजा करते हैं। जिसमे मशीन हो, कुल्हाड़ी हो, हसिया हो, फावड़ा हो उन हर वस्तु का जिसमें भगवान विश्वकर्मा ने निर्माण किया हो। क्योंकि वास्तुकला के निर्माता तो भगवान विश्वकर्मा है इसलिए आज के दिन उनकी पूजा (Vishwakarma Jayanti) की जाती है।
संसार की रचना किसने की?
Vishwakarma Jayanti 2024 भगवान विश्वकर्मा जयंती इसलिए मनाई जाती है क्योंकि यहां पर भगवान विश्वकर्मा ने संसार की रचना की। अब प्रश्न उठता है कि आज के दिन 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा तो कर ली पर फिर ब्रह्मा जी कौन है? जिन्होंने इस सृष्टि का निर्माण किया अब थोड़ा सा विषय सोचने का है कि ब्रह्मा जी ने जब पृथ्वी का, ब्रह्मांड का, धरती पर मौजूद इंसानों का निर्माण किया तो फिर भगवान विश्वकर्मा का नाम कैसे शामिल होता है? तो इस बात की पुष्टि होती है पौराणिक कथाओं में और यह सिद्ध भी होती है कि जहां एक तरफ ब्रह्मा जी ने इस संसार को बनाने में पुरी सृष्टि का निर्माण करने में अपना योगदान दिया है, तो दूसरी तरफ भगवान विश्वकर्मा ने इस संसार को सुंदर बनाने का काम किया है। जैसे कि किसी भी एक व्यक्ति का कार्य संपन्न इस रूप में नहीं होता है? उदाहरण तौर पर ऐसे समझे… मकान बनाने वाला मिस्त्री जिन्होंने मकान खड़ा कर दिया पलिस्तर कर दिया, आपके घर को बड़ा अच्छा बना दिया पर अब इसे सुंदर कैसे बनाया जाए? उसके लिए आप लाते हो एक पुताई वाला, जिसे पेंटर नाम दिया जाता है फिर करते हो घर की पुताई। अब इस अवस्था में जब एक मिस्त्री ने घर का निर्माण किया था? तब सिर्फ आपका घर निर्मित हुआ था। पर जब पुताई होती है उसके बाद का दृश्य आपके घर पर चार चांद लगा देता है, और यही कार्य भगवान विश्वकर्मा ने किया है इसलिए संसार की रचना और सृष्टि निर्माण के अलावा इसकी सुंदरता की ओर देखे तो इसे कैसे जीवन शैली में जीना जाना चाहिए, लाया जाना चाहिए कैसे उपयोग में करना चाहिए इसका योगदान भगवान विश्वकर्मा के लिए जाता है। इसलिए आज के दिन 17 सितंबर को Vishwakarma Jayanti पूजा की जाती है।
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भगवान विश्वकर्मा की पूजा कैसे करें
17 September Vishwakarma Jayanti पूजा करने से पहले अपने आप को पवित्र करें। उसके लिए आपको सबसे पहले नहाना है, उसके बाद रोजाना उपयोग में आने वाली वस्तुएं मशीन, यंत्र या घर में रखी ऐसी वस्तुएं जिसे आप कार्य में शामिल करते हो, जिससे आप दो पैसे कमाते उन वस्तिओ को साफ करना, उन्हें अच्छे से सजाकर रखना और फिर जब पूजा करने के लिए बैठो तो भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी तस्वीर पूजा स्थल पर शामिल करें। इसके बाद पूजा करते समय देवताओं को कुमकुम अक्षत गुलाल हल्दी फूल फल मिठाई मेवा जितनी आपके पास सामग्री उपलब्ध हो वह सामग्री शामिल करने की कोशिश करें। और आटे की रंगोली बनाएं उसके ऊपर 7 तरह के अनाज शामिल करें। जल को क्लेश में भरकर धूप दीप दिखाकर दोनों भगवानों की आरती करें, ऐसे आप Vishwakarma Jayanti पूजा अर्चना कर सकते हो। जो दैनिक जीवन में आप भगवानों की पूजा करते इस तरह भगवान विश्वकर्मा की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा करें।
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