सत्य घटना बागेश्वर धाम सरकार आए दिन अपने बयानों के चलते नए-नए विवादों में रहते हैं। देशभर में तो सही था, पर अभी वर्तमान समय में पूरी दुनिया में बागेश्वर धाम सरकार का जलवा जल रहा है। और चले क्यूं भी ना। श्री बागेश्वर धाम सरकार की कृपा जो उन पर है, एक ऐसी सत्य घटना है जिसकी वजह से बागेश्वर धाम सरकार को कोर्ट में जाना पड़ा और चोरी की घटना में शामिल होना पड़ा? आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से बागेश्वर धाम सरकार का नाम चोरी की घटना में शामिल हुआ।
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दिव्य दरबार
बागेश्वर धाम सरकार दिव्य दरबार लगाते हैं, जहां पर लोगों की अर्जी लगती है उनका पर्चा खोलते हैं, उनके बारे में भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के बारे में बताते है । मानो उनके पास ऐसी शक्ति है जिससे किसी भी व्यक्ति को जब वह अपने पास बुलाते है तो बागेश्वर धाम सरकार उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ है पहले, वह चीज या जो उसे पता है फिर भी वह समझ नहीं पाता उसकी कुछ मुख्य घटनाएं अपने पर्चे पर लिखते हैं और लिखने के पश्चात सामने वाले से पूछते हैं और वह सारी चीज बताता है। उसके बाद पहले से लिखा पर्चे पर बागेश्वर धाम सरकार उस जानकारी को सार्वजनिक करते हैं यानी कि वह बातें पहले लिखी जाती है, फिर उस शख्स को अर्जी के माध्यम से बुलाते हैं यानी कि दिव्य दरबार में वह चीज बताई जाती है जो सिर्फ कल्पना मात्र हो सकती है और वह कल्पना ही रहती है पर बागेश्वर धाम सरकार में वह बात सत्य होती है। आज तक जितने भी पर्चे बनाएं किसी ने उसे गलत नहीं किया, ऐसा ही एक मामला बागेश्वर धाम सरकार के पास आया जो जानना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस घटना के बाद से बागेश्वर धाम सरकार ने पर्चे पर कुछ चीज लिखते तो है पर उसे सार्वजनिक नहीं करते आखिर वह क्या बात थी? अब हम जाने के आगे सत्य घटना।
चोरी की सत्य घटना मैं शामिल बागेश्वर धाम सरकार
एक ऐसा भक्त बागेश्वर धाम सरकार के पास आता है अपनी अर्जी लगाता है और उसकी अर्जी स्वीकार हो जाती है। बागेश्वर धाम सरकार उस शख्स को अपने पास बुलाते हैं और उससे पूछते हैं, तो पता चलता है कि उस शख्स के घर में चोरी हुई होती है अब बागेश्वर धाम सरकार के पास उसके बारे में पहले से पर्चे में लिखा जाता है कि किसने चोरी की है, कहां पर हुई वह सारी चीजें, बातें कंफर्म हो जाती है उसके बाद बागेश्वर धाम सरकार पर्चे के माध्यम से तो बताते ही है पर उस शख्स का नाम भी बता देते हैं, जिसका नाम था रामलाल जैसे ही उस सख्श का नाम पता चलता है तो वह उस शख्स की रिपोर्ट लिखी जाती है, उसे थाने में बुलाया जाता है। पुलिस पूछताछ करती है कि तुमने चोरी करी है, कौन-कौन था तुम्हारे साथ शामिल उतने चोर पूछता है की आपको कैसे पता की मेने चोरी की तो जब पुलिस वाले ने बताया कि जिसके घर तुमने चोरी करी थी वह शख्स बागेश्वर धाम सरकार के पास गया था वहां पर अर्जी लगाई थी और उनके माध्यम से तुम्हारा रामलाल नाम सामने है। तो उस चोर को तुरंत दिमाग में ख्याल आया कि जिसने मेरा नाम बताया क्यों ना मैं उसी का नाम ले लूं। और उस चोर ने कहा कि मेरे साथ बागेश्वर धाम सरकार स्वयं शामिल थे मतलब उस चोर ने बागेश्वर धाम सरकार को ही चोरी के केस में फंसा डाला।
अदालत मैं पेशी हुई बागेश्वर धाम सरकार की
भारतीय कानून के अनुसार भारत में गरीब हो, अमीर हो चाहे राजनेता हो या फिर कोई फिल्म स्टार। भारतीय संविधान सबके लिए समान है तो फिर सभी को अदालत में पेश होना पड़ता है कानून के नियमों का पालन करना पड़ता है इसके उल्लंघन करने पर उन्हें सजा भी होती है। अब सवाल उठता है कि जैसे बागेश्वर धाम सरकार की अदालत में पेशी हुई तो इसके बाद क्या हुआ होगा? तो यह विषय बहुत ही रोचक है क्योंकि जब चोर रामलाल ने बागेश्वर धाम सरकार का नाम लिया तो अब बागेश्वर धाम सरकार भी शामिल हो गए। यह सत्य घटना खुद बागेश्वर धाम सरकार ने अपने मुख से एक कथा दौरान अपने पागलों को सुनाई जब बागेश्वर धाम सरकार को कोर्ट में बुलाया गया फिर उसके बाद क्या हुआ? क्या कोर्ट में धार्मिक आस्थाओं पर मान्यताओं पर कोर्ट इस बात को मानेंगे या फिर सच। समान कानून के अनुसार अपना फैसला सुनाएंगे यह विषय सत्य घटना का दिलचस्प है आखिर इसके बाद होता क्या है?
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जज ने शामिल किया चोरी के केस मैं बागेश्वर धाम सरकार को
- सबसे उच्च स्थान न्याय का कोर्ट में होता है पर कोर्ट में तभी पुष्टि की जाती है जब दोनों पक्ष के बयान की पुष्टि होती है। पर जब जज साहब का पहला सवाल था.. बागेश्वर धाम सरकार से, क्या तुमने चोरी करी? बागेश्वर धाम सरकार ने जैसे सुना तो वैसे ही बागेश्वर धाम सरकार थोड़े हास्य मुख से हंसने लगे और बोले नहीं हम तो बागेश्वर धाम सरकार की कृपा से बालाजी की कृपा से जो आदेश आता है जो परिचय में आता है हम उसका नाम बता देते हैं। पर जज शाहब इस बात पर नहीं माने उन्होंने कहा कि हम तब मानेंगे जब हमें यहां पर प्रमाण दोगे।
- उस प्रमाण के लिए कोर्ट के जज साहब ने बागेश्वर धाम सरकार को चुनौती दी, एक चैलेंज दिया कि अगर आप सच में पर्चे पर लोगों के बारे में ऐसी सत्य घटना, घटनाएं बताते हैं कि उनके जीवन के बारे में बताते हो तो आज कोर्ट में चोरी के केस में आज आपकी अदालत में पेशी है तो आपको अपने बचाव के लिए खुद को निर्दोष साबित करने के लिए आज आपको प्रमाण देना होंगा।
- जज साहब इतने चतुर थे कि उन्होंने पहले से एक डिब्बे में कुछ लाया था और तत् पश्चात बागेश्वर धाम सरकार से वापस सवाल किया कि अगर आपने चोरी नहीं कि है और आपको बालाजी की कृपा से आदेश आता है, परिचय में लिखा जाता है तो आप हमें बताएं कि इस टिब्बे के अंदर क्या है? अगर यह प्रमाणित हो जाता है तो आप आज बरी हो जाओगे।
- वाईफाई जब फेल हुआ बागेश्वर धाम सरकार ने इसमें हामी भरी क्योंकि बालाजी की कृपा है और जब लोगों के बारे में पर्चा खोलना रहता है तो आज खुद के बारे में खुद का पर्चा खोलना था और प्रमाण भी देना था कि यह एक इंसान द्वारा नहीं अध्यात्म की शक्ति से श्री बालाजी बागेश्वर धाम सरकार के चरणों की शक्ति से जो भी चमत्कार या फिर लोगों को अगर रास्ता दिखाया जाता है तो वह सिर्फ मुख से नहीं भगवान की प्रेरणा से बताया जाता है और इस बात का प्रमाण देने के लिए जब बागेश्वर धाम सरकार ने वाईफाई मिलाया तो वह वाई-फाई कनेक्ट नहीं हो रहा था। मतलब जब अपनी बारी आई तो बागेश्वर धाम सरकार का वाई-फाई कनेक्ट नहीं हो रहा था यह विचार बागेश्वर धाम सरकार के लिए बड़ा गंभीर था। कोर्ट में नजर झुका कर खड़े थे लगभग 10 मिनट तक बागेश्वर धाम सरकार का वाई-फाई कनेक्ट नहीं हुआ, तो यह थोड़ा सा विषय गंभीर हो गया
- सत्य घटना जज साहब का नाम था मिश्रा पहले से डिब्बे में भर के लाए थे कुछ अंदर, जिस पर बागेश्वर धाम सरकार को दी थी चुनौती। पर श्री बालाजी बागेश्वर धाम सरकार मानो समझाना चाहते हैं कि कुछ नाम को उजागर नहीं करना चाहिए हो सकता है ऐसे विषय सामने आ जाए तो मैं ऐसे और ऐसे झमेले में फंसना नहीं। हर इंसान को प्रमाणित नहीं दे सकते क्योंकि सब की बुद्धि एक जैसे नहीं होती पर बात आई थी बागेश्वर धाम सरकार पर तो उसका प्रमाण देना पड़ा। तो बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि इस टिब्बे के अंदर एक सोनाटा की घड़ी है, जिसका कलर है पीला पीला हैं और समय आप जानकर चौंक जाओगे जब बागेश्वर धाम सरकार ने बताया कि इस घड़ी मैं टकटक हो रही है और इसका काटा 2 बजकर 12 मिनट पर है। फिर क्या होना था जब सब इस बात को जज शाहब सुनकर खुद हक्का बक्का हो गए। और बागेश्वर धाम सरकार को बा इज्जद बरी कर दिया। और रामलाल को जेल हो गई पर यहां पर इस बात का प्रमाण मिलता है की खुद कोर्ट इस बात का ठप्पा लगाती है कि बागेश्वर धाम सरकार के पास ऐसी दिव्य शक्ति है जिससे वह लोगों का जनकल्याण करते हैं, और स्वयंभू श्री बागेश्वर धाम सरकार की कृपा है।
जज साहब उल्टे बागेश्वर धाम सरकार के चेले बन गए
कहानियां बहुत सी सुनी होंगी और फिल्मों में भी देखी भी होगी कि लोग किसी बात से उसके दीवाने हो जाते पर यहां तो बागेश्वर धाम सरकार की पूरी दुनिया दीवानी है। जिसे बागेश्वर धाम सरकार पागलों के नाम से बुलाते हैं और सत्य घटना जब यह केस कोर्ट में पहुंचा और सुनवाई हुई तो बागेश्वर धाम सरकार ने अपना प्रणाम सब के सामने रखा। उसके बाद जब शाहब ने बागेश्वर धाम सरकार को बाई इज्जद बरी किया। उसके दूसरे दिन रात में मिश्रा जज शाहब बागेश्वर धाम सरकार के पास आते हैं, उनके चरण स्पर्श करते हैं, प्रसादी ग्रहण करते हैं और बाद में बागेश्वर धाम सरकार को एक सलाह देते हैं की कृपा करके आप आज के बाद किसी भी ऐसे शख्स का नाम नहीं बताना अन्यथा पुलिस का कार्य हमारा कार्य हमारी नौकरी सब बंद हो जाएगी ये हास्य में बागेश्वर धाम सरकार के मुख से था मानो वह यह कहना चाहते हैं कि आप ऐसी घटनाओं में शामिल न हो सार्वजनिक ना करें आप पर्चा खोले, विषय सामने वाले पक्ष को बताते हैं और उसके बाद उस परिचय पर अगर लिखा है तो उसका नाम को हटा दे सार्वजनिक करने पर आपको ऐसे झमेले में पढ़ना पड़ेगा और इसका सामना करना पड़ेगा जो सनातन धर्म के लिए उचित नहीं है। और बागेश्वर धाम सरकार के उस दिन से जज साहब चेले बन गए। मतलब जिन्हें चोरी के केस में अदालत में पेश होना पड़ा उस चोर ने स्वयं चोरी का कैसे अपना लिया कि मैंने ही चोरी करी थी और बागेश्वर धाम सरकार ने अपनी दिव्य शक्तियों से अपना प्रमाण दिया सनातन धर्म की लाज रखी और बागेश्वर धाम सरकार बागेश्वर धाम सरकार ही रहे। यह सत्य घटना है हम कोई काल्पनिक बाते आपको नहीं बता रहे। बागेश्वर धाम सरकार के मुख से सुने हुई एक कथा के दौरान है जहां पर एक शख्स की अर्जी लगी थी, उसके सामने भी कुछ ऐसा ही वाक्य आया था जिसे राज रखते हुए अपना राज सार्वजनिक किया और जिस पर बताया कि कैसे जब एक चोर ने गुरुदेव की अदालत में पैसे करवाई और खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए कानून को प्रमाण देना पड़ा।
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