घर का मंदिर पूजा करने के लिए, भगवान को याद करने के लिए, अध्यात्म से जुड़े रहने के लिए, जीवन जीने की श्रृंखला में बने रहने के लिए, घर में घर की शुद्धि के लिए, आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए, मन की शांति के लिए, भगवान के चरणों से जुड़े रहने के लिए, खुद को संजोय रखने के लिए, किसी भी तंत्र विद्या से बचने के लिए, भगवान को पूजते हो। भगवान का ध्यान करते हो। लेकिन एक गलती जिसकी वजह से आपकी पूजा सफल नहीं हो पाती।
बहुत सारे लोगों के मन में प्रश्न होता है कि हम इतनी पूजा पाठ करते हैं? लेकिन भगवान हमारी सुनते नहीं या फिर हम ऐसी कौन सी गलती करते हैं। तो आज आपको इन सवालों का सटीक जवाब मिलने वाला है। उम्मीद करते हैं कि यह ब्लॉग पोस्ट आपकी बहुत काम की होगी, तो चलिए जानते हैं कि घर का मंदिर सही दिशा में कहां होना चाहिए।
बागेश्वर धाम सरकार द्वारा सही प्रतिमा की दिशा
देश दुनिया में सबसे प्रचलित पीठाधीश्वर बागेश्वर धाम सरकार ने एक महिला को जवाब देते हुए कहा एवं बताया कि भगवान को पूर्व दिशा में रख दे, ताकि उनका मुख पश्चिम दिशा में हो जाए और जब पूजा करने के लिए खड़े हो तो अपना मुख पूर्व दिशा की ओर हो जाए।
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अनिरुद्ध आचार्य द्वारा बताई मंदिर की सही दिशा
महिलाओं के पसंदीदा गुरुओं में से एक अनिरुद्ध आचार्य महाराज जी। जो भारत के जाने-माने विख्यात मुख और कड़क बोलचाल रखने वाले महाराज की सूची में गिने जाते हैं। उनके अनुसार बताया गया की घर के मंदिर की सही दिशा उत्तर और पूर्व की ईशान दिशा में होना चाहिए। उत्तर और पूर्व दिशा के बीच में जो जगह आती है, उसे ईशान दिशा कहते है और इसी बीच में घर का मंदिर होना चाहिए।
इस दिशा में मंदिर ना रखे
भारत माता के नाम से जाना जाता है यहां पर अध्यात्म धार्मिक सनातन विश्वास भरोसा एक धर्म से जुड़ी अस्थाई जिस पर अनंत विश्वास होता है लेकिन जब घर पर आप विश्वास की प्रतिमा को स्थापित करते हो तो उसकी थी सारी सही होनी चाहिए बहुत सारे लोग हैं जो भक्त तो करते हैं लेकिन उसकी फल प्राप्ति नहीं कर पाते उसकी कुछ कारण हो सकते हैं।
- दुनिया में चार दिशाएं है उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम।
- भारत में बड़े-बड़े संत महात्मा ज्ञानी एक बात का बार-बार जिक्र करते हैं।
- पितृ हमारे बुजुर्ग जिनका स्थान दक्षिण दिशा में होता है।
- जाने अनजाने में घर का मंदिर अगर दक्षिण-दिशा में है तो आपको बदलना चाहिए।
- अध्यात्म से जुड़े महाराज पंडित पीठाधीश्वर संत महंत सबका कहना है कि घर का मंदिर उत्तर दक्षिण पूर्व इन तीनों दिशा की किसी भी इंसान कौन में रख सकते हैं, लेकिन दक्षिण दिशा में बिल्कुल ना रखें क्योंकि वहां हमारे पूर्वज रहते हैं।
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