Bageshwar Dham Sarkar वैसे तो बागेश्वर धाम सरकार अपने बयान बाजियों से आए दिन सुर्खियों में रहते है। पर इस बार प्रचार के लिए नही विचार के लिए सुर्खियों में नजर आ रहे हैं, हरियाणा के सिरसा में बागेश्वर धाम सरकार की कथा चल रही थी इसी दौरान रात में घूमने निकलते और उनकी नजर एक बुजुर्ग इंसान पर पड़ती है, जिनके पास जंक लगी, जर्जर हुई पुरानी ऑटो थी। जो चलाने लायक बिल्कुल भी नहीं थी पर वो बुजुर्ग इंसान अपने पेट के लिए, रात के समय उस ऑटो का उपयोग करता था और अपनी दिनचर्या चलाता था! जिस पर बैठे-बैठे बागेश्वर धाम सरकार की नजर गई और एक रात में उस दादू की किस्मत पलट गई।
Bageshwar Dham Sarkar की कथा भारत के राज्य हरियाणा में चल रही थी। तारीख 16 सितंबर 2024 को महा दिव्य दरबार लगा था, जो कि इस दिन लगभग 12 घंटे तक महा दिव्य दरबार लगा रहा। भक्तों की संख्या आती और जाती रही लेकिन कम बिल्कुल नहीं हुई। उसके बाद रात के लगभग 11 से 12 बजे तक कथा चलती रही। इसके बाद भक्तगण तो अपने घर चले गए पर बागेश्वर धाम सरकार आराम करने नहीं बैठे। कथा विराम करने के पश्चात बागेश्वर धाम सरकार हरियाणा के सिरसा में श्री बाबा तारा जी की कुटिया और उनके क्षेत्र में प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करने के लिए निकल पड़े। जब दर्शन करते हैं तो इस दर्शन करने के उपरांत उनकी नजर रात में ऑटो चालक एक बुजुर्ग पर पड़ती है, और इसी से मिलती हुई एक केदारनाथ की सत्य घटना जहां महादेव बाबा ने स्वयं अपने भक्त के लिए साधु का रूप धारण करके 6 माह की रात को एक रात में बदल दिया था। आखिर ये कैसे चमत्कार हुआ था? जिनकी ऑटो की हालत खस्ता थी, जिसे देखकर बागेश्वर धाम सरकार को दुख हुआ और दया भी आईं, तो बागेश्वर धाम सरकार के मन में ख्याल आया और उन्होंने अपने कथा करने के दौरान कहा की विदेश यात्रा कई की, हवाई जहाज से जिसमें चार्टर्ड प्लेन की टिकट यात्रा लगभग 30 से ₹40000 की होती है। जो आम इंसान की दिनचर्या से कई गुना ज्यादा होती है और वह बहुत कर ली अब ऑटो में बैठा जाए। इससे चला जाए, आम लोगों के बीच में रहा जाए और यह निर्णय कोई संजोग से नहीं बना यह स्वयं बागेश्वर धाम सरकार ने लिया क्योंकि उन्हें तो लोगों का भविष्य पहले से पता होता है, उनके पास पर्चा तो पहले से ही खुला है। बस यह लीला करनी थी और उस रात बागेश्वर धाम सरकार ने ऑटो चालक बुजुर्ग की एक अद्भुत सराहनी पर प्रचार करने के लिए नही विचार बदलने लिए मदद की। ताकि Bageshwar Dham Sarkar को मानने वाले उनकी राह पर चलने लगे। यह संकेत है, उनके पागलों के लिए जो सच मैं दिन हीन की मदद करना चाहते हो। उसकी मदद कैसी करनी चाहि?
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रातों-रात ऑटो चालक की बदली किस्मत
पैसा कमाना और घर चलाना या घर के जिम्मेदार व्यक्ति के लिए बड़ा कठिन और जिम्मेदारीपूर्वक होता है क्योंकि उसे ना चाहते हुए भी काम करना पड़ता है और जानते हुए भी उसे मेहनत करनी होती कि उसे दो पैसे कमाना है, और अपना घर चलाना है। अगर काम नहीं करेगा तो घर पर खाना नहीं बनेगा ना खुद खा पाएगा ना अपने परिवार का पेट भर पाएगा और इसी पापी पेट की कमाई के लिए इस बुजुर्ग दादा ने अपने उस ऑटो को चलाया जो ऑटो चलने लायक ही नहीं था। जर्जर थी खराब थी ऑटो की हालत खत्म थी, इंजन से धुआं निकल रहा था चलने के लायक नहीं थी तीन से चार सवारी बैठाने के बाद चल नहीं रही थी। ऐसी ऑटो सिर्फ रात में चलाई जा सकती थी, एक अंदाजन औसतन उम्र लगभग 60 से 70 वर्ष के इस बुजुर्ग दादाजी अपनी पुरानी ऑटो से अपनी आजीविका चला रहे थे। उनके पास ₹5000 नहीं थे खराब ऑटो को सुधारने के लिए जो कि उनके इंजन का कीट खराब हो गया था, जिसकी वजह से ऑटो सही से नहीं चल रही थी पर कहते हैं, गुरु की दृष्टि और भगवान की इच्छा जब पड़ती है तो उसकी किस्मत रातों-रात चमक जाती और कुछ हुआ भी ऐसा ही इस बुजुर्ग दादाजी के साथ Bageshwar Dham Sarkar की नजर पड़ी और बागेश्वर धाम सरकार ने ऑटो में बैठने का निर्णय लिया। ऑटो का सफर किया, घूमे चाय पी लेकिन उस चालक को नहीं पता था कि आज उनके साथ क्या होने वाला है। और बागेश्वर धाम सरकार ने उनके बारे में सब जानने के बाद अपने भक्त को आदेश दिया कि.. अगली सुबह होते तक एक नई ऑटो मिल जिन चाहिए उसी के बाद कथा होगी वरना तब तक कथा नहीं होगी। और देखिए बागेश्वर धाम सरकार की वाणी! जो सुबह-सुबह एक नई ऑटो खड़ी हो जाती है और उस दादाजी को स्वयं बागेश्वर धाम सरकार अपने हाथों से नई ऑटो की चाबी को उन्हें सौंपते है को ये लो ऑटो की चाबी ये अब आपकी है। दादाजी कुछ समझ पाए या बोल पाते उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। पर हां गुरु कृपा प्रसादी कुछ ऐसी होती है। ना इसके बारे में सोचा जा सकता है ना समझा जा सकता है क्योंकि जो इंसान चाहता है उसे भगवान नहीं देता! और भगवान वही देता है जो इंसान के लिए उच्चतम होता है यथार्थ या Bageshwar Dham Sarkar के द्वारा दिया गया आशीर्वाद कृपा फल जो इस ऑटो चालक बुजुर्ग दादाजी को स्वयं श्री बागेश्वर धाम सरकार के हाथों से उन्हें कृपा प्रसाद मिला।
कौन है बागेश्वर धाम सरकार
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा गांव में स्थित श्री Bageshwar Dham Sarkar तीर्थ स्थल के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी जिन्हें पूरी दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जानती है। अगर आपको और ज्यादा इनके बारे में जानना है तो आप यहां पर टच करके बागेश्वर धाम सरकार की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर उनके बारे में और ज्यादा जानकारी पा सकते हो। जिनका नाम सुनते ही उनके विरुद्ध खड़े होने वाले विरोधियों की ठठरी बन जाती है। अपनी प्रसिद्धि अपने नाम पर नहीं जानी जाती क्योंकि उनके सर पर स्वयं श्री बागेश्वर धाम सरकार की कृपा है, आशीर्वाद है उनकी छत्रछाया है जिसकी बदौलत लाखों करोड़ों सनातनीय और मानव जीवन में आने वाले है इंसान की जितनी भी सेवा की जा सके उन सभी भक्तों के लिए दिन-रात 24 घंटे सातों दिन अपनी गुरु कृपा प्रसादी को जन-जन लोगों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, सेवा करते है जो दिन रात बगैर सोए भक्तों के लिए तत्पर खड़े रहते हैं, उनसे मिलते हैं बात करते हैं कथा करते हैं दिव्य दरबार लगाते हैं और यहां तक की बागेश्वर धाम सरकार में पूरे 365 दिन लगातार दोनों टाइम का मां अन्नपूर्णा की रसोई भी चलाते है। जो कभी नहीं रुकती लाखों भक्त आते है और वहां पर प्रसादी ग्रहण करते। ऐसा है पावन तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार का। जिन्हें हम सब पीठाधीश्वर Bageshwar Dham Sarkar के नाम से जानते हैं।
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