Bageshwar Dham Sarkar : कलयुग के जमाने में अधिकतर लोग विज्ञान पर भरोसा करते हैं और भगवान को काल्पनिक और अविश्वासी कहने लगते हैं। जिसमें कुछ लोग आज भी भगवान को मानते हैं और उनकी पूजा पाठ करते हैं और कुछ ऐसे लोग हैं जो भगवान में विश्वास नहीं रखते, केवल उन्हें एक पत्थर और मूर्ति का नाम देते हैं।
बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने भगवान को मानने वाले और न मानने वालों में क्या फर्क होता है? उसके बारे में बताया एवं समझाया। कि उसके जीवन में क्या चीज घटित होती है, और जो नहीं मानते उनके लिए क्या संघर्ष होता है।
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भगवान को मानने वाले की चिंता स्वयं भगवान को होती है
हनुमान जी या भगवान को न मानने वाले और मानने वालों में क्या लाभ होता है? जो नहीं मानते हैं उन्हें स्वयं पार होने के लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है, और जो भगवान को मानते हैं उन्हें पार होने के लिए पुरुषार्थ नहीं करना पड़ता भगवान की कृपा से पार हो जाते हैं यही अंतर है। ऐसे समझो – जैसे हमें कोई मुंबई बुलाए तो हमको चिंता नहीं करनी पड़ती, वही हमारी टिकट करवाता, वही हमें गाड़ी भेज देता।
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जैसे हमारे त्रिपाठी जी है गाड़ी भेज देते, भोजन की व्यवस्था कर देते, रूम की व्यवस्था कर देते, हमें कोई टेंशन नहीं रहती है चिंता वह हमारी करता है। अब हमें कोई बुलाए ही ना, हम स्वयं आए तो व्यवस्था हमें स्वयं करनी पड़ेगी। उसी प्रकार जिंदगी में तुम अपने भरोसे रहोगे तो व्यवस्था तुमको करनी पड़ेगी और तुम भगवान के भरोसे रहोगे तो व्यवस्था भगवान को करनी पड़ेगी। या शब्द Bageshwar Dham Sarkar ने भगवान को मानने व ना मानने वालों के लिए कहे।
Bageshwar Dham Sarkar ने ये भी कहा
गुरु के दर्शन करने आए हो किसी गुरु की कथा सुनने आए हो, लेकिन इस चक्कर में मत रहो कि तुमने गुरु को देख लिया और गुरु के हो गए। तुम कुछ ऐसा करो कि गुरु तुम्हें देखें और गुरु तुम्हें चुन ले। Bageshwar Dham Sarkar के शब्द सीधे उनके पागलों के दिलों में चुप जाते हैं।
और वह उनके भक्त बन जाते हैं। हालांकि Bageshwar Dham Sarkar कहते हैं कि तुम मेरे नहीं मैं जिससे हूं, उस पर भरोसा करो, उसे पर विश्वास करो और उनके हो जाओ। और वह है स्वयंभू श्री बागेश्वर धाम सरकार जिन्हें बालाजी एवं बजरंगबली के नाम से जानते हैं।
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ना मानने वाला डिप्रेशन में
Bageshwar Dham Sarkar ने कहा बुरा वक्त सभी की जिंदगी में आता है, लेकिन जो भगवान को नहीं मानते उनके पास विकल्प नहीं होता है। कि जो उनसे नहीं हो रहा है या उनके जीवन में बहुत ही बुरा समय आ चुका है और वह उनसे सही नहीं हो पा रहा है तो उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन ही नहीं है। क्योंकि वह भगवान को नहीं मानते और वह डिप्रेशन में चले जाते हैं।
लेकिन जो भगवान को मानता है जो भगवान का है उसके पास ऑप्शन है कि मुझसे जो नहीं हो रहा, वह मेरा भगवान देख लेगा और यह बुरा समय है, यह भी निकल जाएगा। तो इसका फायदा है जो भगवान को मानता है, उसे ना डिप्रेशन होगा ना किसी बात का भय क्योंकि वह भगवान का है।
निष्कर्ष
इस लेख में Bageshwar Dham Sarkar द्वारा बताया गया कि भगवान को मानने वाले और न मानने वाले के जीवन में क्या घटित होता है। विश्वासी और अविश्वासी दोनों पर क्या असर पड़ता है, वह जानने व समझने को मिला।
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